Flex Fuel Bike: देश में सभी वाहनों को इथेनॉल-बेस्ड मॉडल (Ethanol two Wheelers) यानी फ्लेक्स फ्यूल में बदलने की प्रक्रिया की शुरुआत टू-व्हीलर सेगमेंट से हो सकती है। उम्मीद है कि टू-व्हीलर कंपनियां अलगे 2 साल में फ्लेक्स-फ्यूल वाहन लॉन्च कर सकते हैं।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) की ओर दिल्ली में आयोजित इथेनॉल टेक्नोलॉजी एग्जीबिशन (Ethanol two Wheelers) में टीवीएस मोटर के सीईओ ने संकेत दिया कि कंपनी 2024 तक फ्लेक्स-फ्यूल वाहन (Flex Fuel Bike) लॉन्च कर सकती है।
यह घोषणा के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) भी मौजूद थे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने देश में प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ महंगे ईंधन आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में ऑटो निर्माताओं को क्लीन इथेनॉल बेस्ड फ्यूल (Flex Fuel Bike) वाले वाहन बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
जानें कब लॉन्च होगी बाइक
टीवीएस मोटर के सीईओ और सियाम में टू व्हीलर काउंसिल के अध्यक्ष केएन राधाकृष्णन ने कहा, ‘हम सभी फ्लेक्स ईंधन वाहनों को लॉन्च करने के लिए एक रोडमैप के साथ काम कर रहे हैं। अक्टूबर-दिसंबर 2023 तक हम सभी फ्लेक्स फ्यूल टू-व्हीलर्स की रूपरेखा तैयार कर लेंगे और अक्टूबर 2024 तक हम सभी निर्माता फ्लेक्स फ्यूल टू-व्हीलर के कम से कम एक मॉडल के बड़े पैमाने पर उत्पादन की दिशा में काम करेंगे।’
ये कंपनियां भी लॉन्च करेंगी फ्लेक्स फ्यूल टू-व्हीलर
टीवीएस मोटर के अलावा बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया, सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया, यामाहा मोटर इंडिया और रॉयल एनफील्ड जैसे ऑटो निर्माताओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। मारुति सुजुकी वैगनआर के रूप में अपनी पहली फ्लेक्स फ्यूल कार प्रोटोटाइप प्रदर्शित करने वाली कार निर्माताओं में से एक थी।
वाहनों से होता है 40 प्रतिशत प्रदूषण
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने इंडस्ट्री को इथेनॉल बेस्ड ईंधन वाले वाहनों की आवश्यकता पर जोर दिया। गडकरी ने कहा, ‘हर साल, कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव रहता है, इससे बहुत सारी समस्याएं हो जाती हैं। हमें 100 प्रतिशत फ्लेक्स ईंधन वाहनों को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। हम बहुत से उद्योगों को इथेनॉल का उत्पादन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत में 40 प्रतिशत प्रदूषण पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन के उपयोग के कारण होता है।